वेद सनातन मूल हैं। आश्विन कृष्ण द्वितीया 2074 वि. से अंतर्जाल के माध्यम से ऋग्वैदिक परम्परा के आचार्य जी ने संहिता के कुछ चुने हुये सूक्तों का पाठ सिखाना आरम्भ किया।
नवम मण्डल के प्रथम पाँच सूक्तों के साथ सीखने की यह यात्रा बढ़ रही है।
प्रतिपदा तथा अष्टमी तिथियों को छोड़ कर यह कक्षा प्रतिदिन सायं 8 से 9 बजे तक चलती है।
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